"सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते रहना ही जीवन की सबसे बड़ी विजय है। चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, चाहे रास्ता कितना भी लंबा हो, हमें बिना थके, बिना रुके अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहना चाहिए।"
महात्मा गांधी जी के इस उद्धरण को जीवन में अमल करना समय की मांग है क्योंकि ,जीवन एक यात्रा है, और इस यात्रा में सफल होने का सबसे महत्वपूर्ण नियम है—चलते रहना। कई बार हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं, पर असफलताओं और कठिनाइयों के कारण रुक जाते हैं। लेकिन असल जीत उन्हीं की होती है जो बिना रुके चलते रहते हैं।
हमारे जीवन में चुनौतियाँ, विफलताएँ और निराशाएँ आना स्वाभाविक हैं। कोई भी रास्ता पूरी तरह से सीधा या सपाट नहीं होता। हर मोड़ पर कुछ न कुछ नया सिखने को मिलता है। यह आवश्यक नहीं कि हम हमेशा सबसे तेज़ या सबसे सफल बनें, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हम रुकें नहीं। रुकने का अर्थ है पीछे हट जाना, और पीछे हटने का मतलब है अपने सपनों से दूर हो जाना।
महान वैज्ञानिक और नेता यही कहते हैं कि निरंतरता में ही सफलता छिपी होती है। महात्मा गांधी ने कहा था, "आपका काम ही आपकी पहचान है। इसे करते रहिए, चाहे दुनिया आपको कितनी भी बार असफल कहे।" सफल लोग असफलताओं से हार मानने की जगह उनसे सीखकर आगे बढ़ते हैं।
स्टीव जॉब्स हों या थॉमस एडिसन, सभी ने अपने जीवन में बड़ी असफलताओं का सामना किया, लेकिन वे रुके नहीं। वे चलते रहे और अंततः सफलता प्राप्त की। एडिसन ने 1,000 बार बल्ब बनाने में असफल रहने के बाद कहा था, "मैं असफल नहीं हुआ। मैंने बस 1,000 तरीके सीखे, जो काम नहीं करते।"
जीवन में निरंतरता का यही महत्व है। चाहे आप छात्र हों, प्रोफेशनल हों, या किसी अन्य क्षेत्र में हों, चलते रहना ही सफलता की कुंजी है। यदि आप एक कदम आगे बढ़ाने की भी क्षमता रखते हैं, तो आप उस मंजिल के ज़रूर करीब पहुंचेंगे। याद रखें, कोई भी दौड़ केवल तेज़ दौड़ने वाले नहीं जीतते, बल्कि वो जीतते हैं जो अंत तक दौड़ते हैं।
इसलिए, चाहे रास्ते में कितनी भी बाधाएँ आएं, कभी भी रुकने का विचार न करें। अपने लक्ष्य को हमेशा याद रखें और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ते रहें। चलते रहने की प्रक्रिया ही आपको उस मुकाम तक पहुंचाएगी, जिसकी आपने कल्पना की है। जीवन के हर मोड़ पर यह सोचें—“चलते रहना ही सबसे ज़रूरी है।”
2 Comments
Bahut khub 👏
ReplyDeleteक्या लाइन लिखी आपने 👋
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